DIL KI AAWAZ - EK TANHA SHAYAR
DIL KI AAWAZ - EK TANHA SHAYAR
ज़ींदगी के दर्द बयान हो ना पाए,
दिल की बात हम कभी कह ना पाए,
ना तो किसी ने पूछ और ना ही समज़ा,
सिलवटे बदलते रहे और हम सो ना पाए,
छोटे से इस दिल में थी हज़रते हज़ार लेकिन,
वो ख़्वाब कभी भी हक़ीकत बन ना पाए,
बातें तो की दिन में लाखों हज़रात से लेकिन,
दिल की खामोशी वो समज़ ही ना पाए,
ना आया हमें बयान करना दर्द को अपने,
शायद दिल के ज़ख्म जुबां तक पहंच ना पाए,
इंतज़ार करते रहे हम मौत का हर रात लेकिन,
कब्रिस्तान के दरवाज़े हमने हमेंशा बंध ही पाए,
ना निभा पाई मौत वफ़ा हमसे कभी भी क्योंकी,
बा-इज़्ज़त साँसो को हम रोक भी ना पाए,
रुक गई कलम मेरी रफ़्ता रफ़्ता मेरी तरह क्योंकी,
शब्दों के ज़रीए घाव दिल के बयान हो ना पाए
Writtten By Shayar Shubham Dave
Aesi behetrin shayari,poetry or story padhne ke liye jude rahe hamare sath
Apka shayar - shubham dave
Comments
Post a Comment