The Power Of Friendship
The Power Of Friendship
कहानी शुरू होती है एक ऐसे इंसान की जिन्दगी से जो अपनी जिंदगी में काफी अकेला था जिसका नाम है ऋषभ. मानो उसकी जिंदगी रुक सी गई थी. कॉलेज के दिनों में ज्यादातर लोग अपने दोस्तों के साथ मज़े करते है और वो अकेला था. न कोई उसका दोस्त था और न कोई उसके साथ था. कॉलेज के लोग उस से एक दुरी बनाये रखते थे और उसी वजह से वो बहुत परेशान रहता था. उसको लगनेलगा था की ऐसी जिंदगी जीने स बहेतर तो मौत है.........
एक रात वो सोया हुआ था तो उसके ज़हेन में एक ख़याल आया की जिंदगी ऐसे नर्क की तरह जीने से कुछ नहीं होगा........
उस ने आगे बढ़ने के काफी तौर तरीके सोचे लेकिन क्या किया जाये वो उसको पता नहीं चल रहा था.........
उसके अंदर खुदा ने दी हुई ऐसी कला थी जो सिर्फ नसीब वालो को नसीब होती है. वो थी लेखन......
अब वो सोचने लगा था की अपने लेखन को मुकाम केसे दिया जाये? उसने काफी मशक्त की, बहुत लोगो से पूछा लेकिन लेखन के बारे में उसको कही से भी मालूमात हांसिल नहीं हुई.....
आज कल के मोबाइल फ़ोन के ज़माने में उसने काफी ढूँढा और मोबाइल से उसको जानकारी मिली एक Application के बारे में जिसका नाम था YourQuote……
वहाँ पर रोज़ वो कुछ नया पोस्ट करने लगा. रोज़ रात रात भर जागकर उसने शायरी और कविताएँ लिखनी शुरू की और जो कविता एवं शायरी वो लिखता वही दूसरी सुबह पोस्ट करता. धीरे धीरे करके Followers बढ़ते गए और वो एक अलग दुनिया जिसको हम महेफिल-इ-शायरी भी कह सकते है वेसे एक नए पहेलु से जुड़ता गया.
वहां पर उसके नए दोस्त बनने लगे. Comments के ज़रिये धीरे धीरे बाते होने लगी. रोज़ एक दुसरे की पोस्ट Like करना, Comments करना मानो रोज़-बरोज़ की आदत बन गया. रोज़ अच्छे अच्छे लोगो के विचारो को पढ़कर वो खुद अपने आपको Motivate रखने लगा.
लोगो के साथ Photo Collabration का सिलसिला भ कुछ वक़्त में शुरू हो गया. वहां पर 2-3 महीने गुज़र गए और काफी अच्छे दोस्त बनते गए जिनका नाम कुछ इस कदर है, जोया, नादिया खुश, अमन, ज़ेनाब और ऋषभ इत्यादी.......
150 से ज्यादा शायरी, कविताएँ और YQ के दोस्तों के साथ 3 महीने गुज़र गए पता भी नहीं चला.
ऋषभ की रोज़ की सुबह कुछ इस कदर होती. वो अपने दोस्त की लिखी हुई पोस्ट पर Comment करता. ज़्यादातर Comments में “बहुत खूब” ही होता था. दुसरे दोस्तों की सुबह भी कुछ इसी प्रकार होती. YQ के ज़रिये सभी आपस में जुड़ गए थे.
कुछ वक़्त बाद Comments में बाते भी होने लगी. एक दिन सुबह ऋषभ पर एक Comment आई वो Comment जोया की थी
ऋषभ ने वो Comment कॉलेज जाते वक़्त बस में पढ़ी
ज़ोया
आप कहा से हो?
ऋषभ
में मुंबई से हु और आप?
रात तक तो ज़ोया का कोई Reply नहीं आया. ऋषभ भी उस वक़्त इतना दिल्चास्फ नहीं था उस Comment को लेकर. ऋषभ ने 2-3 दिन YQ बंध कर दिया क्युकी कॉलेज की इत्म्तिहान सर पर थी तो ज्यादा समय पढाई को वो देता था. फिर 3 दिन बाद ऋषभ ने YQ खोला. वहां पर Comments की बौछार हो गई थी. पहली comment ज़ोया की थी.......
ज़ोया
में राजस्थान से हु..
ज़ोया
आप क्या करते हो?
ऋषभ ने comment का जवाब दिया
ऋषभ
में BSC की पढाई कर रहा हु
उस समय रात का वक़्त था तो ज़ोया भी ऑनलाइन ही थी. ज़ोया ने ऋषभ का जवाब देख लिया और दूसरा Question किया.....
ज़ोया
कोनसा साल है आपका?
ऋषभ
I am in 3rd Year
ऋषभ ने सामने से सवाल किया.....
ऋषभ
आप क्या करती हो?
ज़ोया
में आर्ट्स की स्टूडेंट हु
ऋषभ
कोनसा साल?
ज़ोया
1st Year
दोनों बात करके सो जाते है.
Yrr aap bahut accha likhte ho sir apko saari book padhi hun mein sab blog post ki shayari bhi padhi hai. Apki har nayi book purchase karti hun
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