Safar-E-Ulfat-Part-1
Safar-E-Ulfat-Part-1
Credit Of This Story gone to Zenab Khan
कहानी शुरू होती है एक ऐसी Intelligent लड़की से जो एक सीधी से घर से तालुकात रखती है. जगडे करना और ज्यादा बाते करना उसको पसंद नहीं होता. वो बड़ी ही खुली सोच की लड़की होती है लेकिन उसके घर में बहुत ज्यादा तहजीब और अदबो-अदब होने की वजह से घर वाले जेसे बोले वेसे उसको रहना पड़ता है. ज्यादा लडको से बाते करना उसके घर वालो को पसंद नहीं होता.अगर पता चले की उस लड़की की दोस्ती किसी लड़के के साथ है तो उसके घर वाले उसको घर से निकल देंगे इसलिए वो ज्यादातर लडकियों के संपर्क में रहती है. पढाई लिखाई में हमेशा अव्वल रहने वाली लड़की के ना कोई बॉयफ्रेंड और ना ही कोई लड़का दोस्त ऐसी जिंदगी गुज़रती है उसकी........
घरवालों की तहजीब और अदबो-अदब के दायरे में रहना उसको खुशी खुशी कूबूल होता है क्योंकि वो खुद भी ऐसा ही सोचती है
उसके घर वाले लड़की का रिश्ता तय कर चुके होते है. जब वो छोटी थी तब से उसके घर वालो ने उसका रिश्ता तय कर दिया था लेकिन उसको कोई एतराज़ नहीं था. उसने अपने इस रिश्ते के बारे कॉलेज की किसी दोस्त को भी नहीं बताया था. वो लड़की अपनी काफी हिफाजत रखती है लेकिन घर वालो की मर्ज़ी के आगे वो कुछ नहीं बोल सकती क्युकी पहेले से उसकी परवरिश अच्छे संस्कार और अच्छी तहजीब के साथ हुई थी. बात इस कहानी में हो रही है एक लड़की जिसका नाम है जोया.......
कॉलेज में थोड़े दिनों में Fuction होने वाला था तो कॉलेज की मैडम जोया के पास आई और उसको Staff Room में ले गई.......
कॉलेज की मैडम
जोया तुम्हे तो पता ही होगा की
कॉलेज में अब आने वाले दिनों में
Fuction होने वाला है
ज़ोया
जी मैडम पता है मुझे
लेकिन आपने मुझे क्यों बुलाया यहाँ पर?
कॉलेज की मैडम
इस बार का सारा काम तुम्हे संभालना है.
यु मान लो की सारी ज़िम्मेदारी तुम्हे निभानी होगी.
जोया
लेकिन मैडम, में तो अभी First Year में हु इतना सब में अकेले कैसे सम्भालुंगी??
कॉलेज की मैडम
मुझे तुम पर पूरा भरोसा है
जोया
लेकिन....
जोया कुछ बोले उस से पहेले वो मैडम उठ कर चली जाती है क्युकी उनको कुछ काम था.....
जोया को कुछ समझ नहीं आ रहा था की वो अब क्या करे...
INT. Classroom. Day
क्लास में जब जोया प्लानिंग में डूबी हुई होती है तब एक लड़का क्लास में आ जाता है. जोया क्लास से बहार निकल जाती है और थोड़ी देर बाद वापिस आती है फिर भी वो लड़का वही क्लास में बैठा हुआ होता है.
जोया फिरसे बहार की और जाने लगती है लेकिन वो लड़का उसको आवाज़ देता है पीछे से....
लड़का
रुको मुझे काम है तुमसे.
जोया पीछे मुडती है और रुक जाती है.
जोया
क्या काम है मुझसे?
लड़का
इतना सब तुम अकेले संभाल रही हो तो मुझे भी तुम्हारी मदद करनी है क्युकी ये सब करने का मुझे शौख है.
जोया कुछ भी नहीं कहती बस वो सोचने लगती है अपने घर वालो के बारे में....
थोड़ी देर बाद.....
लड़का
क्या में भी मदद कर सकता हु?
जोया
ठीक है लेकिन तुम किस क्लास में हो?
लड़का
में तुम्हारी ही क्लास का हु और तुम्हारी दोस्त है ना
उसी ने मुझे तुम्हारे बारे में बताया है
फिर काम के सिलसिले में जोया और उस लड़के की बाते होती है...
2-3 दिन काम करने के बाद वो लड़का जोया से पूछता है...
लड़का
तुम काम के अलवा कुछ बात क्यों नहीं करती मुझसे?
जोया खामोश रह जाती है. वो लड़का भी समजदार था इसलिए जोया की ख़ामोशी से लड़के के सारे सवालो के जवाब मिल गए. वो लड़का काफी मिलनसार होता है लेकिन जोया नहीं.....
उस लड़के का नाम था अहान........
अहान दिखने में भी इतना ज्यादा अच्छा था की कॉलेज की सारी लडकियाँ उसके पीछे दीवानी थी. कॉलेज की सारी लडकियां अहान को अपना बॉयफ्रेंड बनाना चाहती थी. अहान को ये सब क़ुबूल नहीं था क्युकी अहान किसी भी लड़की का दिल तोड़ना नहीं चाहता था. अहान की कॉलेज में एक भी गर्लफ्रेंड नहीं थी. लोग जब अहान से मिलते तब विचार विर्मर्ष में पड जाते की इतना अच्छा दिखने के साथ साथ इतना अच्छा स्वभाव और एक भी गर्लफ्रेंड नहीं........
Waah waah bahut khoob story likhi hai aap dono ne. I am waiting to see the next part of the story ��
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