Rang e Shayari - Ek Tanha Shayar
Rang e Shayari - Ek Tanha Shayar
यादें छुपी हुई है तन्हा रातो में,
बाते दबी है हजार राज तालो में,
कौन सुनेगा मेरी दर्द भरी दास्तान जब,
तन्हाई ही जींदगी है और जींदगी ही तन्हाई है
-Shayar Shubham Dave
दिल की बात अब ना किसी से कहा करते है,
अकेले होने पर अब कभी ना डरा करते है,
छा गया है मलाल का ऐसा आलम जींदगी में,
कि,दिल के अल्फाल अब ना कभी बयां करते है
-Shayar Shubham Dave
अफसून निगाहे काम तमाम कर गई,
भरी महफिल में भी हमें बगनाम कर गई,
कभी ना हुआ बादा-ए-सबा जींदगी में हमारी,
ये ऊल्फत ही जींदगी को तबाह कर गई
-Shayar Shubham Dave
जूनून-ए-उल्फत को में ना बयान कर सका,
मेरा प्यार कभी ना मुकम्मल हो सका,
दुख है तो है सिर्फ ईस बात का मुजे कि,
मेरा जिक्र कभी तुम्हारे लब से ना कर सका
-Shayar Shubham Dave
तुमने खुद को मुज पर कुरबान कर दिया,
अपनी जींदगी को तुमने मेरे नाम कर दिया
हर गलती को भूला दी तुमने मेरी और
इस पाकीजा बंधन को मोहब्बत नाम दे दिया
-Shayar Shubham Dave
कभी किसी से दिल ना लगाना साहिब,
कभी कभी मोहब्बत जींदगी को बेरंग कर देती है
-Shayar Shubham Dave
दूर हो जाने से कभी ईश्क कम नहीं होता,
जूस्तजू के बिना कोई मुकाम हाँसिल नहीं होता,
खुद के बूदे पर बनता है नाम इंसान का
क्योंकि, मुनाफा देखकर कभी व्यापार नहीं होता
-Shayar Shubham Dave
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