Zindgi Shayari
Zindgi Shayari
खुदा का मेंने विश्वास किया,
विश्वास के बदले वो बद्दुआ दिया,
कोई भी दुआ ना की कूबूल मेरी,
तारीखो का सिर्फ फरमान दिया
Written by Shubham Dave
कभी कभी गम के बादल गिर जाते है,
मुसिबतो से बेहिसाब रिश्ते हो जाते है
हो जाते है कुछ जख्म सब्ज दिल के,
दिल मे दबे अरमान निकल जाते है
Written by Shubham Dave
आज दिल बडा उदास है,
ना कोई दूर और ना पास है,
मुसिबतो का ऐसा आलम है
सिर्फ अपनो का ही साथ है
और खुदा की आस है
Written by Shubham Dave
रिश्ता खुदा से जोडा था,
अरमानो को तोड दिया
ना करके कूबूल मेरी दुआ
मेरे फरमान को युं ठुकरा दिया
Written by Subham Dave
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