Urdu Shayari - Irshaad
Urdu Shayari - Irshaad
तन्हा मंजर में हम बेखौफ रहते है,
मसला जानके भी हम अंजान रहते है,
रहते है हम अपनी तहजीब में हर वक्त,
तभी तो,
संजीदा रातो में भी हम मसरुफ रहते है.
Written by Shubham Dave
आपका नूर आपको मुबारक,
मेरा कूसूर मुजको मुबारक,
मुजे होना चाहिए रुख़सत,
अब,
आपको आपके गुरुर मुबारक
Written by Shubham Dave
हर पल हर लम्हा गुजर रहा है यादो में,
दन-ब-दिन कट रहा है मरहूमियत की बातो में,
मुखालिफ मोहोबत खोज रहा है दिल हमारा,
वक्त बित रहा है जूनून-ए-ईश्क की रातो में
Written by Shubham Dave
आरजू तो सभी करते है,
मगरुर तो आशिक होते है,
बन जाते है फरिश्ते कुछ लोग,
जो,
मुक्तलिफ मंजर पर मिल जाते है.
Written by Shubham Dave
आज जहेन में ईश्क का ख्याल आया,
प्यार मेरा उफान पर उतर आया,
किसी का गम ना रहा दिल में मेरे,
जब,
हसीन रात में तुम्हारा नूर निखर आया.
Written by Shubham Dave
Comments
Post a Comment