Tanha Sher Aur Shayari
Tanha Sher Aur Shayari
आज दिल मेरा उदास है,
ये मेरी रुह के अल्फाझ है,
तन्हा हूं मे भरी महफिल में,
ना कोई दूर और ना पास है.
Written by Shubham Dave
तन्हा रातो मे याद करते है,
चाँद से बात लगातार करते है,
करके अदा रंजिशे चाँद से,
पुराने लम्हे यादगार करते है.
Written by Shubham Dave
उदासी मेरे दिल में छायी है,
सूरत उसकी याद बन आई है,
इस कदर समायी है तन्हाई रुह मे,
दिल को तन्हाई ने ठेस पहुँचाई है.
Written by Shubham Dave
चाँद को मेने कहानी सुनाई,
उसको भी चाँदनी की याद आई,
ना देकर कोई जवाब चाँद ने,
तन्हा दिल को बडी ठेस पहुँचाई.
Written by Shubham Dave
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