Hindi - Urdu Shayari
Hindi - Urdu Shayari
शायरी पे मेरी में तवज्जो चाहूंगा,
सजा सकु महफिल यही तवक्को चाहूंगा,
देते रहना दाद मेरी हर शायरी पर,
यही गुजारीश बार बार करना चाहूंगा
Written by Shubham Dave
मेरी शायरी बहुत कुछ कहती है,
ताकत-ए-ईश्क शब्दो में छलकती है,
सुनने वाले तो बहोत है यहाँ पर,
लेकिन,
हर वक्त बस तेरी कमी महसूस होती है
Written by Shubham Dave
दोस्त ने मेरा दिल तोड दिया,
दिल का दरवाजा उसने खोल दिया,
निभाया था रिश्ता बडे ए'तिमाद से,
लेकिन, बताकर युं मुजको छोड दिया
Witten by Shubham Dave
तुमसे में एक ईनायत करना चाहूं,
दिल के अरमान आज बयान करना चाहूं,
चाहूंगा में तुजे जन्मो जन्म,
यही आलाप में बार बार करना चाहूं
Written by Shubham Dave
मयखाने में सब मखमूर है,
नशे में हम काफी चूर है,
लडखडा रहे है कदम मगर,
दर्द-ए-दिल से हम मजबूर है
Written by Shubham Dave
Comments
Post a Comment