Urdu Sher Shayari
Urdu Sher Shayari
मकानों के जंगल में हम खोते चले गए,
निगाहों के चंगुल में बीज बोते चले गए
चले गए हम इश्क की राहो में एेसे,
की,
सौ-मर्तबा रातों में हम रोते चले गए
Written by Shubham Dave
जहाँ कहीं भी देखो मुसलसल देखते रहो,
सूरत उसकी खुद में देखते रहो,
होगा नसीब मनचाहा जहान तुमको,
बस खुदा को अपने दिल में देखते रहो
Written by Shubham Dave
तुमको मेने जीवन की कहानी बोला,
तुमको ही जींदगानी बोला,
जो नाता था वो टूट गया तुमसे,
तुमको आखरी अलविदो बोला.
Written by Shubham Dave
सवाल ये नहीं क्या सवाल है,
सवाल ये है क्या जवाब है,
मिलता नहीं जवाब हमको,
और हम भूल रहे सवाल है
Written by Shubham Dave
कुछ तो बात है,
तुज में कोई बात है,
मर्ग भी आये तो गम नहीं,
जब तु मेरे साथ है
Written by Shubham Dave
देखा नहीं जाता मुजसे यु खफा रहना तेरा,
सहा नहीं जाता गम-ए-जुदाई का फासला तेरा,
हो रहा है मुसलसल कोई दिल के करीब तेरे,
देखा नहीं जाता मुजसे युं जुदा रहना तेरा
Written by Shubham Dave
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