Sher Aur Shayari By Shubham Dave
Sher Aur Shayari By Shubham Dave
हिंदु को नमस्कार किया करते है,
बार बार खुदा को याद किया करते है
हम तो वो हिंदु है,
जो,
मुस्लिम को सलाम किया करते है
Written by Shubham Dave
हमारे दिल को हम खुद मनाया करते है,
मुकद्दर में जो नहीं उसी को ख्वाब मों सजाया करते है,
राजा है हम तो अपनी मन मर्जी के,
क्योंकि,
हमारी सरकार हम खुद बनाया करते है
Written by Shubham Dave
दोलत से चलने वाली ये दुनिया मेरी थम सी गई
जब प्यार से उसने मेरा हाथ थाम लिया.
ये साँसे, ये वजूद, ये धडकन मेरी थम सी गई
जब प्यार से उसने मेरा हाथ थाम लिया.
रोज उठकर देखकर आईने में शक्ल उसकी जींदगी मेरी थम सी गई
जब उसने मेरा हाथ थाम लिया
जीवन के आखरी अंत मे रुकी हुई धडकने मेरी अचानक थम सी गई
जब उसने मेरा हाथ थाम लिया
Written by Shubham Dave
एक खास दोस्त हमेंशा बनाए रखिए,
दिल में दोस्ती के अरमान हमेंशा सजाए रखिए,
मोती मिले या मिले सफर-ए-जींदगी में अंगारे,
जींदगी में आस हमेंशा बनाए रखिए
Written by Shubham Dave
मुस्कान भी खता करती है,
आँखे भी आँखो से वफा करती है,
निकालकर अपने आँसु खुद-ब-खुद,
आँखे भी खुद को सफा करती है
Written by Shubham Dave
वफा करके हमने सितम ही पाए,
ईश्क करके हमने काँटे ही पाए,
कुछ नहीं मिला हमे करके वफा,
बस जीवन में बेवफा इंसान ही पाए.
Written by Shubham Dave
Bahut laajawab likhte ho aap
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