Aflaaz-e-Shayar

Alfaaz-e-Shayar




तुम्हारी नजरो को तुमसे चुराते जा रहे है,
तुम्हे बेवक्त शिद्दत से देखते जा रहे है, 
बार बार मानकर अपना तुमको,
हम गुनाह-ए-अज़ीम करते जा रहे है.
Written by Shubham Dave



अजीब सी आदत है हमारी,
प्यार करना इबादात है हमारी,
फुल तो हर कोई रखता है दिल के पास,
लेकिन,
कांटो की महफ़िल में बैठना आदत है हमारी 
Written by Shubham Dave



इंतज़ार में एक अरसा गुज़र गया,
तुम्हे याद करते करते एक दिन ढल गया,
मुसलसल बहता रहा पानी आँखों से,
लेकिन,
तुम्हारे आने के बाद आँखों से बारिश का मौसम चला गया.
Written by Shubham Dave



जूठी है राहे प्यार की,
जूठी है दुनियादारी सारी,
क्यों मरहूम है लोग मंजिलो से,
जब बेवफा बाँहे जूठी सारी 
Written by Shubham Dave



आपके आने के पैगाम से जी मचलने लगा,
आपकी यादो के गुलशन में दिल सँभलने लगा,
ना करना कभी वफ़ा-ए-खता हमसे,
क्युकि,
आपके बेवफाई के अंजाम से दिल मेरा डरने लगा.
Written by Shubham Dave 


ऐसी बेहतरीन शायरी और कहानीयाँ पढने के लिए जुडे रहे हमारे साथ,

Apka Shayar -Shubham Dave 


Comments

Popular Posts