जूनून-ए-ईश्क : शायरी

जूनून-ए-ईश्क : शायरी



आज दर्द मेरा ऊफान पर है, 
दिल मेरा तूटने की कागार पर है, 
बोलने पर बेवफा किसि के बोलने पर ऊसे, 
खून मेरा खौलने की तादात पर है,
बहुत प्यार करते थे हम ऊनको दिल से, 
मगर, 
उनकी तौहीन-ए-ईश्क में दिल बिखर ने की कागार पर है. 
Written by Shubham Dave 


आज गम-ए-ईश्क मिला है, 
हमें आज ये सिला मिला है, 
मिला एक बेवफा इंसान ऐसा,
जिससे, 
जिंदगी और मौत का सिलसिला मिला.
Written by Shubham Dave 


दिल रो रहा,आँसु रुकते नहीं, 
प्यार के परिंदे कभी जुकते नहीं, 
भ्रम में था मे ये कि, 
सच्चा प्यार करने वाला बिखरता नहीं, 
ऐसी आस ना थी दिल को मेरे, 
मुसलसल मिलता रहा टाईमपास मुजको,
ना मिल पाया कभी प्यार हमको, 
कभी ना थी ऐसे ज्खम की आस हमको
Written by Shubham Dave


तुम्हे में अपनी धडकन बनाना चाहूँ, 
हमसफर-ए-जींदगानी बनाना चाहूँ, 
बनाना चाहूं तेरा हर ख्वाब मेरा, 
तुम्हारी सारी हजरते में अपनी बनाना चाहूँ, 
सजाकर एक महफिल-ए-मोहोबत की दास्तान, 
तुम्हे में दिल की आवाज बनाना चाहूँ, 
तुम तो हो ख्वाईश लोगो के मन की, 
में तुम को तुम्ही से चुराना चाहूँ
दर्द देते है लोग दिलबरा को लेकिन, 
मे तुम्हे हर हाल में खुश देखना चाहूँ. 
Written by Shubham Dave 


ऐसी बेहतरीन शायरी पढने के लिए जुड़े रहे हमारे साथ 

Apka Shayar -Shubham Dave


हमारे एक दोस्त को insta पर Follow करे, 
@Fuddu_poet




Comments

Popular Posts