Dastaan-e-ishq shayari
Dastaan-e-ishq shayari
खामोशियाँ बहुत कुछ कह जाती है,
मोहोबत खूब जख्म दे जाती है,
कभी ना आना ईश्क के मंझर पर
क्योंकि,
यहाँ बेवफाई रोज बारात सजाती है
Written by Shubham Dave
तुम युं चली आइ,
जैसे पानीने प्यास बुझाई,
पीकर कडवा झहर खुद
मेरे लिए अमृत भर लाइ
बेमुख है दरवाजे दिल के,
कौतुक है रास्ते दिल के,
भूलकर ना करना ईश्क,
क्योंकि,
यहाँ भिक्षुक है आशिक दिल के
Written by Shubham Dave
दिल से होकर रुह में समाते हो,
नदी से होकर दरिया में जाते हो,
है ये आँखो की गुस्ताखीयाँ
की आप हर बार मुंह मोड जाते हो
Written by Shubham Dave
प्यार के दिए जलते रहे,
हम आप में डूबते रहे,
कैसे बयान करे ईश्क को,
कम्बखत अल्फाज हमारे बिखरते रहे.
Written by Shubham Dave
कैसी ये मोहोबत है,
जजबातो की अजीब करवट है,
टकरा गये है दिल हमारे,
शायरी अरमानो की लिखावट है
Written by Shubham Dave
प्यारी सी हँसी तुम्हारी,
गुलाब से होंठ तुम्हारे,
शबनम खिलते खिलती हो तुम,
क्योकि,
दिनभर हम से ही तो मिलती हो तुम.
Written by Shubham Dave
चाँद रोशन है जमीन पर,
सदा होगा यकीन आप पर,
आप ही के लिए तो जीते है
वरना,
किसीका झोर नहीं चला हम पर
Written by Shubham Dave
Comments
Post a Comment