Dastaan-e-Dil Shayari
Dastaan-e-Dil Shayari
मासूमियत चेहरे से छलकती है(2)
अदाऐ बहुत कुछ कहती है
वैसे को कई आशिक है तुम्हारे(2)
लेकिन,
तुम्हारी जान सिर्फ मुज पर अटकती है.
Written By Shubham Dave
दिल के अरमान फिसलते गये,
तौहीन करके आप निकलते गये,
कैसे कहुँ मे दोस्त आपको,
दोस्त ही पीठ मे खंजर पिरोते गये.
Written By Shubham Dave
काँटो पे चलना आदत है हमारी,
आपको चाहना ईबादत है हमारी,
ईश्क किया है आपने हमसे,
आपकी हँसी खुशामत है हमारी
Written By Shubham Dave
ईश्क करके हम खो से गये,
रिश्ते सारे गुमशुदा हो से गये,
कुछ ना पाया हमने जींदगी से,
बस कफन में चैन की नींद सो से गये.
Written By Shubham Dave
अल्फाज है जुबानी,
कलम है मेरी रानी,
लिख दुँ फितरत सबकी ईससे,
यही मेरी कहानी
यही मेरी कहानी
Written By Shubham Dave
तेरी कातिलाना अदा,
बनाती हमे दिवाना,
लेकिन,
जब जान ही हो जुदा
तो दरबार मे क्यूँ ढूँढें खुदा
Written By Shubham Dave
TODAY SPECIAL
अभी बाकी है
कुछ ख्वाईश अभी बाकी है
कुछ गुजारीश अभी बाकी है
बाकी है कुछ रास्ते प्यार के
कुछ फरमाईश अभी बाकी है
बाकी है कुछ जजबात हमारे
कुछ आजमाईश अभी बाकी है
बाकी है थोडी जीदगी हमारी
कुछ आराईश अभी बाकी है
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