बदलती फितरत दोस्त की

बदलती फितरत दोस्त की


NOTE- इस कहानी का किसी भी और के जीवन के साथ कोई ताल्लुक नहीं है ये बस एक मनघडंत कहानी है अगर किसी के साथ ऐसा कुछ हुआ है तो वो सिर्फ एक इत्तेफाक है.


पहले बता दूँ की जो लोग मेरी कल की पोस्ट का वेट कर रहे थे तो थोड़ी तबियत नासाज होने की वजह से कल की स्टोरी लिखना मुक्मिन नहीं था

आज की कहानी बड़ी ही खास है आज कोई बेवफाई नहीं होगी नहीं आज कोई बिछडने का गम होगा नहीं आज कोई मिलन होगा आज सिर्फ जुदाई और बेरेहेमियत होगी. तो चलिए शुरू करते है.

कहानी में आज दो ही लोग है एक का नाम है भौमिक और दुसरे का नाम है नंदिनी.

कॉलेज के दिनों की ये बात है जहा पर पहले भौमिक और नंदिनी की दोस्ती हुई थी. कॉलेज के बहार बस की वेट करते समय सब लोग खड़े थे तभी बात-चित के दौरान इम्पोर्टेन्ट प्रश्न कोंनसे पूछे जायेंगे परीक्षा में उस के लिए बात होने लगी. भौमिक के पास बुक नहीं थी तो उस ने अपने दोस्त जिग्नेश से कहा की तुम मुझे फोटो भेज देना. जिग्नेश ने कहा की मेरे पास टाइम नहीं है इन सब बातो के लिए.
नंदिनी को भौमिक की चिंता हुई की वो कल क्या पढ़ेगा तो नंदिनी ने बोला की में भेज दूंगी तुम्हे लेकिन भौमिक ने कहा की कैसे भेजोगी?? नंदिनी ने बताया की मेरा नंबर लेलो में तुम्हे भेज दूंगी. भौमिक ने नंबर ले लिया और रात को घर जाकर नंदिनी ने भौमिक को भेज दिया. ऐसे हुई भौमिक और नंदिनी की दोस्ती.
कॉलेज की परीक्षा के बाद दोनों खुद एक दुसरे के साथ समय बिताने लगे और काफी अच्छा समय गुज़रा इन् गुज़रते हुए वक़्त के साथ नंदिनी भौमिक की बहुत अच्छी दोस्त बन गई थी. सालाना परीक्षा नजदीक आ रही थी तो भौमिक और नंदिनी ने सोचा की चलो साथ में पढ़ते है और दोनों साथ साथ पढने भी लगे. और जब रिजल्ट आया तब दोनों अच्छे नंबर से पास भी हो गए थे. दोनों एक दुसरे को बहुत ही अच्छे से समझ भी सकते थे.
नंदिनी ने भौमिक के लिए बहुत कुछ किया था भौमिक को बहुत संभाला था उस के बुरे वक़्त में लेकिन अब आती है ट्विस्ट की बारी......
नंदिनी की सालगिरह नजदीक आ रही थी तो भौमिक ने सोचा की क्यों न अपनी इतनी अच्छी दोस्त के लिए कुछ किया जाये तो भौमिक ने नंदिनी से पूछा की क्या प्लान है तुम्हारा सालगिरह के दिन?? नंदिनी ने भौमिक को बताया की बहार जाने वाली हु तो में कॉलेज भी नहीं आने वाली किसी को सालगिरह के दिन नहीं मिलूंगी. भौमिक ने तो विश्वाश कर लिया लेकिन दुसरे दिन जब भौमिक तैयार होकर कॉलेज गया तो नंदिनी के सारे दोस्त तैयार होकर कॉलेज आये थे. भौमिक ने पुछा की क्या कोई प्रोग्राम है कॉलेज में? इतने सब तैयार होकर क्यों आए है? तो एक दोस्त ने बताया की आज नंदिनी की सालगिरह है और उस ने सब को निमंत्रण दिया है. ये सोच कर भौमिक ने सोचा की जुठ बात है ये सब. लकिन थोड़ी देर में नंदिनी कॉलेज आई भी और अपने दोस्तों के साथ चली भी गई भौमिक के सामने. नंदिनी ने भौमिक को अपने साथ चलने को भी नहीं बोला.
भौमिक के सारे दोस्त उस को ताना दे रहे थे की जिसको तुम अपनी इतनी अच्छी दोस्त बता रहे थे वो तो कॉलेज आ कर तुम्हे लिए बिना अपने दोस्तों के साथ चली गई.ये सब सुनकर भौमिक घर जाने के लिए निकल गया. भौमिक बहुत जलील हुआ था नंदिनी की वजह से फिर रात को भौमिक सो भी नहीं पाया और नंदिनी से कुछ नहीं कहा क्युकी भौमिक अपनी दोस्त की सालगिरह बिगड़ना नहीं चाहता था.
दुसरे दिन भौमिक ने अपनी दोस्त को मेसेज कर के पूछा की कल अकेले अकेले चली गई ऐसा क्यों किया?? नंदिनी ने बताया की कुछ मजबूरी थी. भौमिक ने नंदिनी को मुआफ कर दिया. फिर सब जैसे था वैसे चलने लगा और नंदिनी ने वादा किया की वो भौमिक को लेकर बहार जाएगी.

8 months later…….
अभी तक नंदिनी का सब दोस्तों के साथ बहार घुमने जाने का मौका और दस्तूर बन जाता था लेकिन भौमिक के लिए नंदिनी के पास टाइम नहीं था. अब छोड़ो ये सब पिछली बाते ये सोच कर भौमिक अपनी जिन्दगी फिरसे नंदिनी के साथ सब बाते भुला कर जीने लगता है. फिर आति है खास इंसान की बारी जो नंदिनी की लाइफ में आता है और जिस की वजह से नंदिनी ने भौमिक के साथ रिश्ते मानो ख़तम जैसे ही कर दिए. भौमिक को समझ नहीं आ रहा थी की नंदिनी आखिर ऐसा क्यों कर रही है.
रात रात भर जागना किसी खास इंसान के लिए नंदिनी की आदत बन चूका था और भौमिक को पूरी तरह से इगनोर किया जा रहा था फिर बारी अति है जलील होने की........ जब भौमिक नंदिनी से कोई भी बात करने की कोशिश करे तो भला बुरा सुना देती थी. इतना जलील होने के बाद भी भौमिक कुछ नहीं बोला
Two more months later……
२ महीने के बाद जब भौमिक ने अपनी तरह से सफलता हांसिल कर ली तब नंदिनी भौमिक के पास आति है और सॉरी बोलती है जो भी नंदिनी ने आगे किया उस के लिए नंदिनी शर्मसार थी लेकिन


‘अब पछता वे क्या जब चिड़िया चुग गई खेत’......


Conclusion- किसी भी इंसान के बुरे वक़्त या बुरे दौर में उस को कभी ऐसे जलील नहीं करना चाहिए जेसे की उस ने आपके लिए कुछ किया ही न हो. इतनी बेरेहेमियत किसी भी इंसान के जीवन को नरक बना सकती है तो कृपया ऐसा अपने नजदीकी लोगो के साथ या किसी के साथ ना करे......मेरी सलाह जन हित में जारी

NOTE- इस कहानी का किसी भी और के जीवन के साथ कोई ताल्लुक नहीं है ये बस एक मनघडंत कहानी है अगर किसी के साथ ऐसा कुछ हुआ है तो वो सिर्फ एक इत्तेफाक है.

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Apka writer -Shubham Dave

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