Shayari Adda
Shayari Adda
(1)
दिल में विरानी सी छायी है,
आपकी छवीं दिल में समाई है,
यकीन किया था खुदा का मेंने(2),
भूल गया कि,
खुदा ने ही ये दुुनिया बनाई है,
बनाकर जालिम जुदाई खुदाने(2),
हमारे दिल को बहुत ठेस पहुँचाई है.
Written by Shubham Dave
(2)
काँटो से सजाकर दिल को आपने,(2)
गुलाब हमको बना दिया,
तोड कर रिश्ते-नाते सारे,(2)
मंजिल हम को बना दिया,
जुदा होकर जींदगी से आपने,(2)
ईस कदर शायर हमें बना दिया.
Written by Shubham Dave
(3)
आईने जैसी शक्ल तुम्हारी,
सब बया कर जाये वैसी अक्ल तुम्हारी,
अपने रंग पे ना ईतराओ मेरी जान,(2)
ये ख़ूबसूरती भी डूब जायेगी तुम्हारी
फिर याद करोगी दिल से मुजको,(2)
लेकिन, मेरी जान ना होगी तुम्हारी
Written by Shubham Dave
(4)
किताबो के पन्नो में बार बार आ जाते हो,
हमारी यादो से दूर रह नहीं पाते हो,
तो क्युं हो अब भी खफा मुझसे(2),
जींदगी में निभा लो वफा मुजसे,
कहीं खतम न हो जाये जीवन का समंदर(2),
वरना याद आयेंगे हम जींदगी के हर मंझर.
Written by Shubham Dave
(5)
तेरे बिन अधूरा अधूरा सा रहता हूं,
तेरे बिन डरा तनहाईओ से करता हूं,
कोन कमबख़्त कहता है
कि इश्क करना बला है,
एब बार करके तो देखो,
ईश्क में ही सारा मझा है.
Written by Shubham Dave
(6)
अंजान है मंजिले,
विरान है मोड सारे,
कटे हुए पेडो के साथ,
कुछ टूटे जजबात हमारे,
गुमनाम होते जा रहे रास्ते सारे,
रिश्तो से होते जा रहे फासले हमारे,
क्योंकि,
अंजान है मंजिले,
विरान है मोड सारे
Written by Shubham Dave
(1)
दिल में विरानी सी छायी है,
आपकी छवीं दिल में समाई है,
यकीन किया था खुदा का मेंने(2),
भूल गया कि,
खुदा ने ही ये दुुनिया बनाई है,
बनाकर जालिम जुदाई खुदाने(2),
हमारे दिल को बहुत ठेस पहुँचाई है.
Written by Shubham Dave
(2)
काँटो से सजाकर दिल को आपने,(2)
गुलाब हमको बना दिया,
तोड कर रिश्ते-नाते सारे,(2)
मंजिल हम को बना दिया,
जुदा होकर जींदगी से आपने,(2)
ईस कदर शायर हमें बना दिया.
Written by Shubham Dave
(3)
आईने जैसी शक्ल तुम्हारी,
सब बया कर जाये वैसी अक्ल तुम्हारी,
अपने रंग पे ना ईतराओ मेरी जान,(2)
ये ख़ूबसूरती भी डूब जायेगी तुम्हारी
फिर याद करोगी दिल से मुजको,(2)
लेकिन, मेरी जान ना होगी तुम्हारी
Written by Shubham Dave
(4)
किताबो के पन्नो में बार बार आ जाते हो,
हमारी यादो से दूर रह नहीं पाते हो,
तो क्युं हो अब भी खफा मुझसे(2),
जींदगी में निभा लो वफा मुजसे,
कहीं खतम न हो जाये जीवन का समंदर(2),
वरना याद आयेंगे हम जींदगी के हर मंझर.
Written by Shubham Dave
(5)
तेरे बिन अधूरा अधूरा सा रहता हूं,
तेरे बिन डरा तनहाईओ से करता हूं,
कोन कमबख़्त कहता है
कि इश्क करना बला है,
एब बार करके तो देखो,
ईश्क में ही सारा मझा है.
Written by Shubham Dave
(6)
अंजान है मंजिले,
विरान है मोड सारे,
कटे हुए पेडो के साथ,
कुछ टूटे जजबात हमारे,
गुमनाम होते जा रहे रास्ते सारे,
रिश्तो से होते जा रहे फासले हमारे,
क्योंकि,
अंजान है मंजिले,
विरान है मोड सारे
Written by Shubham Dave
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