Shayari Zazbaat
Shayari Zazbaat
तुज ही से है मेरा नाम,
तुज पर लिखना है मेरा काम,
डूब कर नशे में यार के,
रुह में तुजे सजाना,
यही मेरा प्यार
यही मेरा प्यार
Written by Shubham Dave
आपने कुछ ऐसा सितम कर दिया,
अपने आप को समंदर में डूबो दिया,
लगाकर आग दिल में हमारे,
आपने हमारी रुह को जला दिया
रुह को जला दिया
Written by Shubham Dave
अब तो ता-उम्र तन्हा रहना पडे परवाह नहीं,
डूब चुका था तेरे प्यार में ईस कदर,
की अब तुम्हारी भी कोई परवाह नहीं,
तेरे जाने का गम ईस कदर समाया मुजमें,
की अब तो मौत भी आ जाये तो परवाह नहीं
Written by Shubham Dave
अपनी औकात में खुद को बताने लगा,
तेरी जुदाई में जाम पे जाम लगाने लगा,
पी कर कडवा झहर जींदगी का,
में ता-उम्र तुमको भुलाने लगा,
अपनी औकात में खुद को बताने लगा,
तेरी जुदाई में जाम पे जाम लगाने लगा,
Written by Shubham Dave
उस दिन खुदा भी खूब रोया था,
उसने दो प्रेमीओ को जो खोया था,
दिल भरकर जजबातो से,
खुदा भी रात को नहीं सोया था,
दिल में भरकर जजबात प्यार के,
खुदा भी बारिश के रुप में रोया था
Written by Shubham Dave
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